12 नवंबर की सुबह जब भूस्खलन हुआ तो 41 मजदूर सुरंग में फंस गए और बचाव अभियान शुरू किया गया। इस अवधि के दौरान, सुरंग के दाहिनी ओर भगवान बुचनाग को समर्पित एक छोटा मंदिर बनाया गया था। तब से, यहां हर सुबह और शाम नियमित सेवाएं आयोजित की जाती हैं। अंतर्राष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने मंगलवार को बुचनाग श्राइन में प्रार्थना की।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। सिलचिआरा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के संयुक्त अभियान में बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन विश्वास की डोर ने विश्वास की नींव को कमजोर नहीं होने दिया। मंगलवार को हमेशा की तरह टनल के पास स्थित बौखनाग मंदिर में सुबह पूजा-अर्चना शुरू हुई।

अंतर्राष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने भी प्रार्थना की।

जन प्रतिनिधि, अधिकारी, बचावकर्मी, श्रमिकों के परिवार और स्थानीय ग्रामीण सभी वहां खड़े थे, सिर झुकाकर ऑपरेशन की सफलता की कामना कर रहे थे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी ग्रामीणों के साथ मंदिर का दौरा किया और हरवन में प्रसाद चढ़ाया। अंतर्राष्ट्रीय सुरंग निर्माण विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने भी यहां प्रार्थना की और बाबा बुकनाग का आशीर्वाद प्राप्त किया।

आपको बता दें कि बचाव अभियान को सफल बनाने के लिए निर्माण कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग और एनएचआईडीसीएल ने 18 नवंबर को सुरंग गेट के दाईं ओर भगवान बौखनाग का एक छोटा मंदिर बनाया था। तब से, यहां हर सुबह और शाम नियमित सेवाएं आयोजित की जाती हैं।