मजदूर लवलेश कोल और उनकी 28 वर्षीय पत्नी नीलम अपने बेटे का शव लेकर एम्बुलेंस से सूरत से मतवार गांव अपने घर लौटे। गुरुवार शाम जब हम मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पहुंचे तो मां अपने बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी. कर्मचारी की पत्नी नीलम बदहवास हो गई और एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गई।

संवाद सूत्र, मीरजापुर। हलियामतवार के गांव कुशखवार में शुक्रवार की दोपहर मजदूर की पत्नी अपने बेटे का शव लेकर घर लौटी तो परिजनों में कोहराम मच गया। मतवा गांव के लवलेश कोल अपने परिवार के साथ तीन साल से गुजरात के सूरत में रहकर एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। 

बस इतना ही

पिछले बुधवार को लवलेश कोल के चार साल के बेटे अंकित को अचानक पेट दर्द और उल्टी होने पर परिजन अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मजदूर लवलेश कोल और उनकी 28 वर्षीय पत्नी नीलम अपने बेटे का शव लेकर एम्बुलेंस से सूरत से मतवार गांव अपने घर लौटे। 

गुरुवार शाम जब हम मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पहुंचे तो मां अपने बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी. कर्मचारी की पत्नी नीलम बदहवास हो गई और एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गई। शुक्रवार दोपहर जब मजदूर अपने बेटे और पत्नी का शव लेकर घर लौटा तो परिजन रोने लगे। 

मां-बेटे की मौत की जानकारी होते ही ग्राम प्रधान मतवार लाल बहादुर पाल मौके पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। मृतक कामगार का बेटा दो भाई और एक बहन में सबसे छोटा था। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बगैर मृतक मां-बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। जवाब में पुलिस अधीक्षक हरिया विष्णु प्रभा सिंह ने कहा कि घटना की अभी तक कोई जानकारी नहीं है.

यह भी पढ़ें: मिर्ज़ापुर न्यूज़: राम लीला के मंचीय पात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत, अचानक गिरने से मची भगदड़

यह भी पढ़ें: रामलला के समर्पण की तैयारियां तेज, इस खास ट्रेनिंग के जरिए पुजारी कर सकेंगे भगवान की पूजा, राम अक्षत पहुंचे कोड़ा