Pitru Paksha 2023 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्युलोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति होती है। अगर पूर्वज दुखी हों तो व्यक्ति को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। Pitru Paksha के दौरान पितरों की पूजा करना अनिवार्य है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में Pitru Paksha का विशेष महत्व है। यह पर्व पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। गरुड़ पुराण में निहित है कि Pitru Paksha के दौरान पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो Pitru Paksha के पांचवें दिन सिद्धि योग समेत 4 शुभ योग बन रहे हैं। आइए, Pitru Paksha के पांचवें दिन का शुभ मुहूर्त और पंचांग जानते हैं-

यह भी पढ़ें- Mangal Dosh Remedies: पाना चाहते हैं मंगल दोष से निजात, तो मंगलवार के दिन जरूर करें ये आसान उपाय

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है। अत: दिनभर पंचमी तिथि है।

करण

Pitru Paksha के पांचवें दिन कौलव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष कौलव करण को अति शुभ मानते हैं। कौलव करण के बाद तैतिल करण का निर्माण हो रहा है, जो 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

Pitru Paksha के पांचवें दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर संध्याकाल 06 बजकर 04 मिनट तक है।

सिद्धि योग

Pitru Paksha के पांचवें दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग पूजा-पाठ के लिए शुभ होता है। इस दौरान पितरों को तर्पण करने से सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। सिद्धि योग दिन भर है।

शिव पूजा का सही समय

Pitru Paksha के पांचवें दिन भगवान शिव दिन भर नंदी पर सवार रहेंगे। अत: साधक किसी समय देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

अमृत काल – दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से शाम 05 बजकर 16 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल – दोपहर 03 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 36 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक

दिशा शूल – उत्तर

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 05 मिनट पर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।