देवउठनी एकादशी 2023 उपाय एकादशी शुक्ल पक्ष जिसकी तिथि कार्तिक मास में आती है, बहुत विशेष मानी जाती है। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं। इसे प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी के उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। प्रबोधिनी एकादशी 2023: देवउठनी एकादशी तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस एकादशी को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत माना जाता है। देवउठनी एकादशी के दूसरे दिन यानि द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है। अगर आप अपनी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो देवउठनी एकादशी के दिन ये उपाय आजमा सकते हैं।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11:03 बजे से शुरू हो रही है। साथ ही इसकी समाप्ति 23 नवंबर को रात्रि 09 बजकर 01 मिनट पर होगी. देवउठनी एकादशी उदया तिथि के अनुसार 23 नवंबर को मनाई जाएगी।

-एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पानी में थोड़ी सी हल्दी मिलाएं और उससे स्नान करें। इस दिन पीले वस्त्र भी पहने जाते हैं क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु का पसंदीदा रंग माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी।

एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पहले शंख में दूध भरकर और फिर गंगाजल डालकर स्नान कराया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की आर्थिक परेशानियां दूर हो जाएंगी। भगवान विष्णु की पूजा करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं। भगवान विष्णु की पूजा करते समय शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाएं और उसमें तुलसीधर की पूजा करें।

अगर किसी व्यक्ति को विवाह आदि में दिक्कत आ रही है तो वह भी देवउठनी एकादशी के दिन कुछ उपाय कर सकता है। इसके लिए भगवान विष्णु की पूजा करते समय केसर, डाल्बर्गिया या हल्दी का तिलक लगाएं। फिर उन्हें पीले पुष्प अर्पित करें। अत: शीघ्र ही विवाह करने का अवसर मिलेगा।

अगर आप चाहते हैं कि कोई मनोकामना पूरी हो तो देवउठनी एकादशी के दिन बोधि वृक्ष पर जल अवश्य चढ़ाएं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बोधि वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है।

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