अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पक्ष और विपक्ष के कई कार्यक्रमों की तारीखें आगे बढ़ाई जा रही हैं. जहां खूब राजनीति और बयानबाजी हो रही है, वहीं दोनों गठबंधनों में घटक दलों के साथ समन्वय और सीट बंटवारे के मुद्दे भी उलझे हुए हैं. बिहार में बीजेपी को अपने एनडीए सहयोगियों के साथ सीटों पर बातचीत करनी है लेकिन अभी ऐसा करने का समय नहीं है.

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पक्ष और विपक्ष के कई कार्यक्रमों की तारीखें आगे बढ़ाई जा रही हैं. जहां खूब राजनीति और बयानबाजी हो रही है, वहीं दोनों गठबंधनों में घटक दलों के साथ समन्वय और सीट बंटवारे के मुद्दे भी उलझे हुए हैं.

बीजेपी को बिहार में सहयोगियों से बात करनी चाहिए

बिहार में बीजेपी को अपने एनडीए सहयोगियों के साथ सीटों पर बातचीत करनी है लेकिन अभी ऐसा करने का समय नहीं है. अभिषेक समारोह के बाद बीजेपी ने कर्नाटक में जेडीएस के साथ तालमेल और सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए कुमारस्वामी को भी बुलाया. भारत में राजनीतिक दलों के बीच भी इस समारोह को लेकर कोई राजनीतिक तैयारी नहीं दिख रही है.

पहले माना जा रहा था कि 14 जनवरी को सूर्य उत्तरायण होने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां बढ़ेंगी। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी चुनावी तैयारियों में कोई खास प्रगति नहीं हुई है. यदि भाजपा अपने दक्षिणी गढ़ में मजबूती से प्रवेश करना चाहती है, तो उसे कर्नाटक के लिए एक रणनीति तैयार करनी होगी, जो दक्षिण भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

समन्वय के बाद बातचीत होगी.

जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली आकर सीट के मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन उन्हें श्री राम लला के प्रतिष्ठा समारोह के बाद ही अयोध्या जाने के लिए कहा गया। बिहार में एनडीए मतदाताओं के बीच सीटों के बंटवारे और दावेदारी को लेकर होने वाली बातचीत भी 22 जनवरी को ध्यान में रखते हुए टाल दी गई है.

लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक जनता दल के उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी दो दिनों से दिल्ली में फंसे हुए थे. तीनों नेताओं ने अमित शाह से मिलने की कोशिश की. जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो वे पटना लौट आये. अब प्रतिष्ठा समारोह समाप्त होने के बाद सभी को बुलाया जाता है.

बिहार में कैसा है महागठबंधन का हाल?

बिहार महागठबंधन के दोनों प्रमुख घटक दलों के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को बातचीत की लेकिन कुछ मुद्दे अनसुलझे रह गये. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत और बैठकों के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं दिख रही है.

कांग्रेस पार्टी को अभी भी सोशलिस्ट पार्टी (एसपी) के साथ सीटों के तालमेल के मुद्दे पर चर्चा करनी है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि वह 22 जनवरी के बाद ही सक्रिय होगी. कांग्रेस ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा करने से पहले अखिलेश यादव से कहा है कि वह रालोद के साथ अपने मुद्दों को सुलझा लें। शुक्रवार को सपा ने रालोद के साथ सीटों का बंटवारा कर लिया। माना जा रहा है कि शनिवार को कांग्रेस और सोशलिस्ट पार्टी के बीच भी बातचीत होगी, लेकिन अगर बात नहीं बनी तो अब 22 तारीख के बाद तक इंतजार करना होगा.