सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने 19 जून, 2020 को सिंधिया की उम्मीदवारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र और हलफनामे दाखिल करते समय भोपाल में दर्ज एफआईआर के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया था।

आईएएनएस, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति हृषिकेश राय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में आदेश के लिए याचिका में कांग्रेस नेता गोविंद सिंह की आपत्ति में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।

गोविंद सिंह ने 19 जून, 2020 को सिंधिया की उम्मीदवारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्होंने अपना नामांकन पत्र और हलफनामा दाखिल करते समय भोपाल में दर्ज एक एफआईआर के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया था।

याचिका में क्या दलीलें दी गई हैं?

तर्क दिया गया कि सिंधिया ने अपने नामांकन पत्र में एफआईआर के बारे में जानकारी न देकर तथ्य छुपाए, जो धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है और उनके चुनाव को अवैध घोषित किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय ने चुनाव याचिका की जांच करने से इनकार कर दिया क्योंकि केवल एफआईआर दर्ज करने से कोई लंबित आपराधिक मामला नहीं बनता है जिसका खुलासा नामांकन पत्र में किया जा सकता है।

क्या है सिंधिया का तर्क?

सिंधिया ने उच्च न्यायालय को बताया कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और तर्क दिया कि केवल प्राथमिकी दर्ज करने से अपराध साबित नहीं होता है।