नासा ने मूल रूप से एलन मस्क के स्पेस के साथ साझेदारी में 5 अक्टूबर को लॉन्च करने की योजना बनाई थी। पृथ्वी और क्षुद्रग्रह के बीच की दूरी लगभग 300 मिलियन मील है। क्षुद्रग्रह निकल, लोहा और सोने से बना है।

ऑनलाइन हेल्प डेस्क, नई दिल्ली। सौर मंडल में ग्रहों के अलावा, मंगल और बृहस्पति के बीच एक क्षुद्रग्रह बेल्ट है जिसमें लाखों क्षुद्रग्रह शामिल हैं। इनमें से एक है साइकिक एस्टेरॉयड 16, जिसकी चर्चा काफी समय से हो रही है। दरअसल, पृथ्वी पर मौजूद ऑप्टिकल दूरबीनों और शक्तिशाली राडारों ने इस क्षुद्रग्रह पर बेहद मूल्यवान धातुओं की मौजूदगी का पता लगाया है, जिसकी कीमत खरबों डॉलर होगी।

मालूम हो कि इस एस्टेरॉयड की खोज साल 1852 में की गई थी, जो मंगल (Mars) और बृहस्पति (Jupiter) के बीच में स्थित है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इस एस्टेरॉयड को इटालियन खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैसपारिस ने खोजा था।

12 अक्टूबर को लॉन्च होगा मिशन

हालांकि, इस मिशन को नासा ने एलन मस्क के SpaceX के साथ मिलकर 5 अक्टूबर को लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से नासा ने इसे 12 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 46 मिनट पर लॉन्च करने की घोषणा की है। हैरानी की बात यह है कि यह स्पेसक्राफ्ट छह साल के बाद अपने एस्टेरॉयड (Psyche Asteroid) पर पहुंचेगा। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस एस्टेरॉयड पर इतनी बहुमूल्य संपत्ती है कि यदि इसे धरती के प्रत्येक व्यक्ति को बांट दिया जाए, तो वह अरबपति बन सकता है।

मिशन से खुलेंगे कई राज

इस मिशन के लिए लॉन्च हुआ स्पेसक्राफ्ट 6 साल बाद यानी 2029 में लक्षित एस्टेरॉयड के पास पहुंचेगा। अपने सफर के दौरान यह स्पेसक्राफ्ट सोलर विद्युत सिस्टम का इस्तेमाल करेगा। यह स्पेसक्राफ्ट एस्टेरॉयड की कोर के आसपास घूमेगा और इसका अध्ययन करेगा। दरअसल, वैज्ञानिक इस बात को समझने की भी कोशिश करेंगे की धरती की संरचना कैसे हुई है। पृथ्वी की कोर वैज्ञानिकों की पहुंच से काफी दूर है, लेकिन साइकी और पृथ्वी की संरचना एक-दूसरे से काफी हद तक मिलती है, इसलिए इसके अध्ययन से पृथ्वी की भी काफी जानकारी मिलने में आसानी होगी।

नासा ने खुलासा किया है कि, कई संकेत मिले हैं कि साइकी के पास एक बार चुंबकीय क्षेत्र है, जिसकी तलाश करने के लिए अंतरिक्ष यान पर एक हार्डवेयर उपकरण भेजा जाएगा।

फाल्कन रॉकेट से होगी लॉन्चिंग

साइकी मिशन को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। नासा का ये मिशन स्पेस एक्स के फाल्कन हैवी रॉकेट से लांच किया जाएगा। इसकी तैयारियों को लेकर नासा और SpaceX ने खास मुलाकात की और नया अपडेट जारी करते हुए बताया कि मिशन को 12 अक्टूबर को लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का अंतिम परीक्षण किया जा रहा है, ताकि लॉन्चिंग के बाद 6 सालों तक किसी तरह की कोई समस्या न आने पाए।

नासा ने दी जानकारी

नासा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, वैज्ञानिकों के बीच आम सहमति यह है कि विशाल साइकी एस्टेरॉइड मुख्य रूप से कीमती धातु से बनी है। इसकी लंबाई लगभग 232 किमी और चौड़ाई लगभग 226 किमी है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, दूरबीनों में इस एस्टेरॉयड को केवल एक छोटे बिंदु की तरह देखा जाता है।

4 घंटे का एक दिन

मिली जानकारी के मुताबिक, पृथ्वी और इस एस्टेरॉयड की दूरी लगभग 30 करोड़ मील है। साइकी 16 सूरज की परिक्रमा 5 साल में पूरा करता है और इसका एक दिन लगभग 4 घंटे का होता है। यह एस्टेरॉयड निकल, लोहा और सोने से बना हुआ है।