झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में बड़ा हादसा हो गया. मुशाबनी वन क्षेत्र में 33 हजार वोल्ट की बिजली की चपेट में आने से पांच हाथियों की मौत हो गयी. समझा जाता है कि हाई वोल्टेज तार को हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदानों तक पहुंचाया गया था. सोमवार की देर रात से करीब एक दर्जन हाथियों का झुंड जंगल में विचरण कर रहा है. इसी दौरान एक हादसा हो गया.

जागरण संवाददाता, घाटशिला/मुसाबनी। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के मुशाबनी वन जिले के बेनसोल उपबंदा पोटास जंगल में 33,000 वोल्ट की बिजली की चपेट में आने से पांच हाथियों की मौत हो गई. यह हादसा हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदानों में चल रहे हाई-वोल्टेज बिजली के तारों के बिछाने के कारण हुआ।

बताया जा रहा है कि सोमवार रात से करीब 12 हाथी जंगल में घूम रहे हैं और इनमें से पांच की मौत करंट लगने से हो गई. मृत हाथियों में तीन बछड़े और दो वयस्क शामिल हैं। घटना ऊपरबंधा जंगल के पास की है.

हाथी की मौत की खबर मिलने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना मुशाबनी वन विभाग को दी. वन विभाग के रेंजर दिग्विजय सिंह और एचसीएल आईसीसी के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

ग्रामीण दहशत के माहौल में आ गए

वहीं, कई हाथी झुंड से अलग होकर इलाके में घूमने लगे, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. पिछले कुछ दिनों से हाथियों का झुंड वन क्षेत्र पंचायत और तेरेंगा पंचायत में विचरण कर रहा है।

हाथियों ने दर्जनों किसानों के खेतों में लगी धान की फसल को पहले खाया और फिर रौंदकर बर्बाद कर दिया. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की है.

सोमवार रात की घटना

यह घटना कथित तौर पर सोमवार रात को हुई। 33,000 वोल्ट बिजली लाइन के संपर्क में आने से पांच हाथियों की मौत हो गई. वन विभाग और बिजली विभाग कई घंटों तक घटना की खबर दबाये रहे, लेकिन मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे झुंड को भगा रहे ग्रामीणों की नजर जंगल में हाथी के शव पर पड़ी.

हाथियों के झुंड घूमने की सूचना पर विभाग ने सोमवार की रात आठ बजे से मंगलवार की सुबह सात बजे तक सुरदा फीडर और अमाई नगर फीडर की लाइन काट दी.

मुशाबनी प्रखंड के राखा वन क्षेत्र के पंचायत जंगल में पिछले 10 दिनों से बांग्लादेश सीमा से करीब 10 हाथियों का झुंड प्रवेश कर चुका है. मालूम हो कि इसी माह नवंबर के पहले सप्ताह में चाकुलिया में करंट लगने से दो हाथियों की भी मौत हो गयी थी.