छूना रिव्यू नेटफ्लिक्स वेब सीरीज छूना ओटीटी स्पेस में मौजूद अन्य राजनीतिक अपराध सीरीज से अलग है। ज्योतिष की पृष्ठभूमि पर एक डकैती की कहानी दिखाई गई है. सीरीज की सबसे बड़ी ताकत इसके कलाकार हैं जिन्होंने अपने किरदारों को पूरी शिद्दत से जिया है. ये स्तरित पात्र श्रृंखला को फिसलने से बचाते हैं। संचालन पुष्पेंद्र नाथ मिश्र ने किया।

Entertainment Desk, New Delhi. Choona Review Netflix Web Series: There is no dearth of web series showing crime on political background or politics on criminal background. Various OTT platforms are full of such stories where politics and crime are intertwined.

नेटफ्लिक्स पर इस शुक्रवार रिलीज हुई चूना ज्योतिष की पृष्ठभूमि पर एक हाइस्ट सीरीज है, जिसमें राजनीति को कहानी में एक तत्व की तरह इस्तेमाल किया गया है और यही प्रयोग इस सीरीज को बाकी पॉलिटिकल क्राइम सीरीज से अलग करता है।

सियासी लोगों का ग्रह-नक्षत्रोंकी चालों और काल दशाओं में गहरा यकीन चूना का मेन प्लॉट प्वाइंट है। इस लिहाज से नेटफ्लिक्स की सीरीज बाकी क्राइम सीरीजों से अलग लगती है। कुछ कमजोर बिंदुओं को छोड़ दें तो चूना एक मनोरंजक वेब सीरीज है, जो अपने कथानक, किरदारों और घटनाओं से बांधे रखती है। सीरीज ज्योतिष और वर्चुअल रिएलिटी तक का सफर करती है।

क्या है चूना की कहानी?

कहानी के एक छोर पर अविनाश शुक्ला है, जो उत्तर प्रदेश का बाहुबली नेता है। खुद प्रदेश सरकार में मंत्री है और अब सरकार गिराकर खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है। ज्योतिष में प्रगाढ़ विश्वास और श्रद्धा है। धरती पर कोई भी कदम उठाने से पहले अंतरिक्ष में ग्रहों की चाल देखता है।

तेज दिमाग है, इसलिए कैलकुलेटर शुक्ला भी कहते हैं। मुख्यमंत्री बनने के लिए एमएलए खरीदने हैं, जिसके लिए 800 करोड़ की रकम का जुगाड़ शहर का सबसे बड़ा बिल्डर शिनॉय कर रहा है। बदले में शिनॉय को एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिला है, जो पठानी टोला की बस्ती को मिटाकर खड़ा किया जाना है। इसका जमकर विरोध हो रहा है और इसे लीड कर रहा है अंसारी।

कहानी के दूसरे छोर पर छह लोग हैं, जो शुक्ला के सताये हुए हैं या बर्बाद किये हुए हैं। इनमें से एक शुक्ला का बेहद करीबी भी है। यह लोग टीम बनाकर शुक्ला का 800 करोड़ रुपया उसके किलेनुमा ऑफिस से चुराने यानी उसे चूना लगाने के प्लान बनाते हैं।

कैसा है चूना का स्क्रीनप्ले और कलाकारों का अभिनय?

चूना की कहानी पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा ने लिखी है और निर्देशित भी किया है। ज्योतिष विद्या और राजनीति की पृष्ठभूमि पर एक हाइस्ट की कहानी गढ़कर पुष्पेंद्र ने बने-बनाये सांचे को तोड़ने की कोशिश की है और काफी हद तक इसके लिए मनोरंजन प्रदान करने में सफल भी रहे हैं।

सीरीज की कहानी के सूत्रधार अरशद वारसी हैं, जिनके वॉइसओवर के साथ कहानी आगे बढ़ती रहती है। दृश्य जिस तरह से कहानी कहने के क्रम में आगे बढ़ते हैं, उसमें वॉइसओवर की जरूरत महसूस नहीं होती, पर ह्यूमर की एक अतिरक्त परत इससे जरूर मिलती है।

खासकर, किरदारों के चित्रण और बैकस्टोरी को हास्य के साथ प्रस्तुत करने में वाइसओवर मदद करता है। संवाद चुटीले हैं और किरदारों के गुणों के हिसाब से बदलते हैं। गैंगस्टर याकूब अंसारी और पुलिस कॉन्सेबल बांके के बीच टॉम एंड जैरी वाली समीकरण दिलचस्प है और दोनों की एक-दूसरे के लिए नफरत और प्यार दिलचस्प है।

लेखन में बेहद चतुराई के साथ सत्ता वर्सेज आम आदमी की जंग को पिरोया गया है। शुक्ला सत्ता के जुल्म और अत्याचार का प्रतीक है तो इसके घर में चोरी करने वाले सभी छह लोग समाज के अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

आठ एपिसोड्स की सीरीज के कुछ दृश्य इसे अलग स्तर पर लेकर जाते हैं तो कुछ दृश्य थिथिल लगते हैं। झुम्पा का वर्जुअल रिएलिटी के जरिए हाइस्ट की प्रैक्टिस करवाने वाले दृश्य मनोरंजक हैं। हालांकि, कई साल पहले आयी हाइस्ट फिल्म आंखें में ऐसे दृश्य देखे गये हैं। तब वीआर नहीं था।

800 करोड़ की रकम को सुरक्षित रखने के लिए शुक्ला के ऑफिस में भारी सिक्योरिटी लगायी जाती है, मगर इतनी अहम दशा में वो सभी वीआर के जरिए फिल्म देखने बैठ जाते हैं। तमाम जस्टिफिकेशन के बावजूद यह दृश्य हजम नहीं हो पाता।

चूना में कोई भी किरदार पॉजिटिव नहीं है, सभी अपने-अपने तरीके से सही और गलत को जस्टिफाइ कर रहे हैं। शुक्ला सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है और इसके लिए ज्योतिष की मदद लेता है। ग्रह-नक्षत्रों का हवाला देकर पंडित तक को जान से मरवाने की कोशिश करता है।

हालांकि, बाद में काल के जाल में फंसने पर अपने इस फैसले पर पछताता है। शुक्ला के किरदार में जिम्मी शेरगिल असरदार लगते हैं। कहीं-कहीं यह किरदार रावण से प्रेरित लगता है।

शुक्ला के ऑफिस में हाइस्ट की तैयारी कर रहे छह दुश्मन ग्रह यानी किरदारों में सबसे दिलचस्प त्रिलोकी है, जिसे नमित दास ने निभाया है। रूप बदलने में माहिर त्रिलोकी शातिर दिमाग और दिल से प्रेमी है, जिसका वर्चुअल रिएलिटी गेम पार्लर चला रही झुम्पा के साथ अफेयर चल रहा है। पुताई करने वाले से लेकर भविष्यदृष्टा साधु बनने तक, त्रिलोकी के किरदार में नमित ने बेहतरीन काम किया है। 

बाद में झुम्पा भी इनके प्लान में अहम भूमिका निभाती है। इनके अलावा नेता बनने का सपना देख रहे गैंगस्टर याकूब अंसारी शेख, शुक्ला की वजह से डिमोटेड कास्टेबल बांके, शुक्ला के विश्वासपात्र बिष्णु, शुक्ला का सताया कॉन्ट्रैक्टर जेपी यादव और शुक्ला की कुंडली के पहरेदार पंडित जी के किरदारों में आशिम गुलाटी, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, चंदन रॉय, विक्रम कोचर और अतुल श्रीवास्तव ने अपनी अदाकारी से चूना को देखने लायक बनाया है। पंचायत फेम चंदन रॉय का किरदार परतदार और हाइस्ट सीरीज का डार्क होर्स है।

बांके की बहन और अंसारी के प्रेमिका के किरदार में मोनिका पंवार ने सधा हुआ काम किया है। यह किरदार भी हाइस्ट का हिस्सा बनता है। झुम्पा के किरदार में निहारिका लीरा दत्ता प्रभावित करती हैं।

कलाकारों ने साधी सीरीज

पुष्पेंद्र के लेखन को कलाकारों का भरपूर साथ मिला है। बैकग्राउंड स्कोर स्क्रीनप्ले के दृश्यों के अनुरूप है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल दिखाने के वीएफएक्स का प्रयोग मजेदार लगता है। कुछ दृश्य और घटनाएं चूना की रवानगी को चूना लगाती हैं। हालांकि, कलाकारों का अभिनय इसे साध लेता है।

अवधि- 8 एपिसोड्स (पहला एपिसोड- 52 मिनट, बाकी एपिसोड्स 36 से 49 मिनट)