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विश्व बैंक द्वारा भारत के विकास पर जारी ताजा रिपोर्ट में इस वित्तीय वर्ष में विकास दर 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. कहा जा रहा है कि महंगाई और गिरेगी. इसके पीछे की वजह सरकार द्वारा उपाय करना और सप्लाई बढ़ाना है.
विश्व बैंक द्वारा भारत के विकास पर जारी ताजा रिपोर्ट में इस वित्तीय वर्ष में विकास दर 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. कहा जा रहा है कि महंगाई और गिरेगी. इसके पीछे की वजह सरकार द्वारा उपाय करना और सप्लाई बढ़ाना है.
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इस वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 6.3 फीसदी तक पहुंच सकती है. इसका कारण यह है कि राज्य का निवेश बढ़ता जा रहा है और घरेलू मांग बढ़ती जा रही है। विश्व बैंक द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
वर्ल्ड बैंक की इंडिया डेपलपमेंट अपडेट (IDU) रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन बना हुआ है। इस कारण से भारतीय अर्थव्यवस्था में रफ्तार बनी रहेगी।
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया रीजन की ग्रोथ में भारत का हिस्सा सबसे बड़ा होगा। भारत वित्त वर्ष 2023-24 में 6.3 प्रतिशत की दर से विकास कर सकता है।
महंगाई के मोर्चे पर रिपोर्ट में बताया गया कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आ सकती है। सरकार की ओर से उचित कदम उठाए जाने के कारण और आपूर्ति बढ़ने के कारण कीमतों में कमी आएगी।
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ब्याज दरों की समीक्षा के लिए होने वाली आरबीआई एमपीसी की द्विमासिक बैठक इस हफ्ते 4 अक्टूबर से लेकर 6 अक्टूबर के बीच होनी है। आरबीआई एमपीसी के फैसलों का एलान 6 अक्टूबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा किया जाएगा। इस बार भी माना जा रहा है। आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा जाएगा।
महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई द्वारा मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इस कारण रेपो रेट 4.00 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गया है।