Free Bijli: यूपी के किसानों को सिंचाई के लिए Free Bijli कब मिलेगी, इसकी जानकारी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दी।

पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस ग्रुप (पीपीएसी) ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की, जिसमें कहा गया कि 1 अक्टूबर से गहरे समुद्र और उच्च दबाव और उच्च तापमान (एचपीटीपी) गैस क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस को छह महीने के लिए उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। कीमतें 12.12 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से गिरकर 9.96 डॉलर हो गईं।
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस ग्रुप (पीपीएसी) ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की, जिसमें कहा गया कि 1 अक्टूबर से गहरे समुद्र और उच्च दबाव और उच्च तापमान (एचपीटीपी) गैस क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस को छह महीने के लिए उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। कीमतें 12.12 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से गिरकर 9.96 डॉलर हो गईं।
पीटीआई, नई दिल्ली। रविवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत में 18% की कटौती की गई। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क प्राकृतिक गैस की कीमतें गिरने के कारण यह निर्णय लिया गया।
गैस की कीमत जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल में ईंधन भरने के लिए सीएनजी बनाने या खाना पकाने के लिए घरों की रसोई में पाइपिंग के लिए किया जाता है। यह मूल्य सीमा के कारण अपरिवर्तित रहेगी जो कि रिलायंस को भुगतान की जाने वाली बाजार दरों से 30 प्रतिशत कम निर्धारित की गई है।
ऑयल मिनिस्ट्री की पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (PPAC) की ओर से इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाली छह महीने की अवधि के लिए, गहरे समुद्र और उच्च दबाव, उच्च तापमान (एचपीटीपी) क्षेत्रों से गैस की कीमत 12.12 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 9.96 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दी गई है।
बता दें, सरकार की ओर से प्राकृतिक गैस के दाम निर्धारित करने के लिए दो फॉर्मूला को अपनाया जाता है। यह ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के पास मौजूद पुराने गैस फील्ड्स के लिए अलग है और गहरे समुद्र या कठिन जगहों पर स्थित नए गैस फील्ड्स के लिए अलग है।
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प्राकृतिक गैस के दामों की समीक्षा सरकार की ओर से हर छह महीने में की जाती है। भारत सरकार का लक्ष्य एनर्जी मिक्स में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 2030 तक 15 प्रतिशत करना है, जो कि फिलहाल 6.3 प्रतिशत है।
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