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UP Madarsa Board के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अपने पत्र में यूपी मदरसा जांच का भी जिक्र किया. उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि गैर मान्यता प्राप्त धार्मिक स्कूलों की जांच को एक साल से अधिक समय हो गया है. सरकार ने अब तक ऐसे मदरसों को मान्यता देने का कोई प्रयास नहीं किया है.
UP Madarsa Board के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अपने पत्र में यूपी मदरसा जांच का भी जिक्र किया. उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि गैर मान्यता प्राप्त धार्मिक स्कूलों की जांच को एक साल से अधिक समय हो गया है. सरकार ने अब तक ऐसे मदरसों को मान्यता देने का कोई प्रयास नहीं किया है.
जागरण ऑनलाइन टीम, लखनऊ। UP Madarsa Board के अध्यक्ष ने सीएम योगी को लिखा पत्र. उन्होंने यूपी में चल रहे धार्मिक स्कूलों की मान्यता को लेकर पत्र लिखा था. आपको बता दें कि UP Madarsa Board के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने यूपी में मदरसों को मान्यता देने के लिए सीएम योगी को खास तौर पर पत्र लिखा है.
अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद के पत्र में उत्तर प्रदेश में मदरसों की जांच का भी जिक्र किया गया है. उन्होंने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि गैर मान्यता प्राप्त धार्मिक स्कूलों की जांच को एक साल से अधिक समय हो गया है. सरकार ने अब तक ऐसे मदरसों को मान्यता देने का कोई प्रयास नहीं किया है.
अपने पत्र में उन्होंने कहा कि यूपी में कई मदरसों को पिछले आठ साल से मान्यता नहीं मिली है. अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जाविद ने बताया कि एक साल पहले साढ़े आठ मदरसों का सर्वे कराया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार के कारण साढ़े सात करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यूपी के मदरसों में 90-95% बच्चे पसमांदा समुदाय से हैं.
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को अवैध कहना दुखद है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को पहचान दिलाकर उन्हें मुख्य धारा में जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सपना था कि वह एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर रखें.