सनातन धर्म में करवा चौथ के त्योहार का विशेष महत्व है। यह व्रत रखकर देवी मां को समर्पित किया जाता है। इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पतियों की बढ़ती खुशी, सौभाग्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। वर्तमान में कवचोस व्रत अविवाहित लड़कियां भी रखती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक कवाजो पर एक साथ कई शुभ योग बने हैं.

धार्मिक डेस्क, नई दिल्ली | Karwa Chauth 202: कल करवा चौथ है। यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। सनातन धर्म में करवा चौथ के त्योहार का विशेष महत्व है। यह व्रत रखकर देवी मां को समर्पित किया जाता है। इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पतियों की बढ़ती खुशी, सौभाग्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। वर्तमान में कवचोस व्रत अविवाहित लड़कियां भी रखती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक कवाजो पर एक साथ कई शुभ योग बने हैं। इनमें दुर्लभ शिव योग सबसे प्रमुख है। इस दिन भगवान शिव भी कैलाश में निवास करेंगे. इसलिए भक्त कभी भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। आइये जानते हैं शुभ मुहुर्त, पंचांग और सटीक पूजा समय——

शुभ समय

करवा चौथ हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। आज चतुर्थी तिथि 1 नवंबर को रात्रि 09:30 बजे प्रारंभ होकर रात्रि 09:19 बजे समाप्त होगी. इसलिए, कैवाचोस उपवास कल होगा। संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी.

सावथ सिद्ध योग

करवा चौथ पर दुर्लभ शिव योग के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग का बनना सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर शुरू हुआ और अगले दिन 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर खत्म हुआ. इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी।

शिव योग

करवा चौथ पर बेहद लाभकारी शिव योग बन रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 02:07 बजे से शुरू होकर अगले दिन 2 नवंबर तक रहेगा। इस योग में कवरमाता की पूजा करने से भक्तों को अनंत फल की प्राप्ति होगी। इस अवधि में आप शुभ कार्य कर सकते हैं।

अभिषेक मुहूता

करवा चौथ तिथि पर भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, कैलाश पर्वत पर विराजमान होकर भगवान शिव का अभिषेक करने से जीवन में सभी प्रकार की खुशियां आती हैं। इस दिन भगवान शिव रात 9:19 बजे तक कैलाश में रहेंगे.

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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – प्रातः 06:33 बजे

सूर्यास्त – 05:36 PM

चंद्रोदय – रात्रि 08:15 बजे

चन्द्रास्त – प्रातः 10:05 बजे

पंचांग

ब्रह्म मुख्तार- 04:49 से 05:41 तक

गोधूलि बेला – शाम 05:36 बजे से शाम 06:02 बजे तक

निशिता मुहूर्त- रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक

अशुभ समय

राहुकाल- दोपहर 12:04 बजे से 01:27 बजे तक

गुलिक काल- सुबह 10.41 बजे से दोपहर 12.04 बजे तक

दिशा स्कूल – उत्तर

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