अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस 2023 अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस हर साल 1 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य संगीत के माध्यम से सद्भाव और शांति को बढ़ावा देना है। संगीत हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करता है। आइए जानें व्यायाम करते समय संगीत सुनने के क्या फायदे हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस 2023: अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह पहली बार 1975 में मनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस दुनिया भर की संस्कृतियों के लोकप्रिय संगीत और संगीत कला के अन्य रूपों का जश्न मनाने का दिन है। इसका एक अन्य उद्देश्य संगीत के माध्यम से दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों के बीच शांति और सद्भाव बढ़ाना है। 

म्यूजि़क सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि ये एक तरह की थेरेपी की तरह है। खुश होने पर लोग अलग तरह की म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं और दुखी होने पर अलग। म्यूजिक स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को भी कम करता है। कुछ लोग तो काम पर फोकस ही तभी कर पाते हैं जब कानों में हल्की-हल्की म्यूजिक बजती रहे। रेस्टोरेंट, मॉल में बजने वाले धीमे मधुर संगीत शायद ही किसी को डिस्टर्ब करने का काम करते हैं। तो अगर इसे तन और मन के लिए एक बेहतरीन थेरेपी कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। आपने देखा होगा अब योग व मेडिटेशन सेंटर्स, मसाज में और यहां तक की जिम में भी फोकस, रिलैक्स करने और स्टेमिना, स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए म्यूजिक का सहारा लिया जाने लगा है। संगीत सुनने और किसी तरह का इंस्ट्रमेंट बजाने से शरीर से इम्युनोग्लोबुलिन ए एंटीबॉडी और नेचुरल किलर सेल्स का प्रोडक्शन ज्यादा मात्रा में होता है। जो बाहर के हानिकारक बैक्टीरिया व वायरस से लड़ने का काम करते हैं और हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।    

वर्कआउट या एक्सरसाइज के दौरान म्यूजिक का रोल बहुत ही खास है। जी हां, इसके कई सारे फायदे देखे गए हैं। म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से आप ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक रहते हैं और थोड़ी एक्स्ट्रा एक्सरसाइज कर पाते हैं। आइए जानते हैं म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने के कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में

म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से नहीं होती थकान

आप गौर करेंगे तो देखेंगे कि म्यूजिक सुनते हुए किसी भी काम को करने में उतनी थकान नहीं महसूस होती है जितना बिना म्यूजिक के काम करने पर होती है, तो ऐसा ही वर्कआउट के दौरान भी होता है। बेशक थकान होती है लेकिन इसका एहसास नहीं होता।  

कर पाते हैं ज्यादा वर्कआउट

जिम में वर्कआउट के दौरान लाउड म्यूजिक क्यों चलाया जाता है कभी इस पर गौर किया है? तो इसके पीछे का मकसद भी यही है कि जब आपको थकान का एहसास नहीं होता, तो आप थोड़ा एक्स्ट्रा वर्कआउट कर पाते हैं। जो अच्छी चीज़ है। वैसे ये तरीका आप घर में भी आजमा सकते हैं। वर्कआउट के दौरान भांगड़ा या कोई फास्ट म्यूजिक लगाएं और फिर वर्कआउट शुरू करें। स्टैमिना बढ़ाने में बेहद हेल्पफुल है म्यूजिक। म्यूजिक हाई इंटेंसिटी वर्कआउट को भी आसान बना देता है। 

मूड रहता है अच्छा

म्यूजिक सुनते हुए वर्कआउट करने से मूड अच्छा रहता है। आप ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक फील करते हैं। अच्छा-खासा वर्कआउट करने के बाद और भी दूसरे काम करने की स्टैमिना बनी रहती है।  

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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