फल हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनसे हमें कई पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल फल खाने से आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है? केवल फल खाने के स्वास्थ्य लाभ और नुकसान हैं। आइए जानते हैं कि अगर आप 72 घंटों तक सिर्फ फल खाते हैं तो क्या होता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 72 घंटे का फल आहार: फल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व हमें कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, हम जानते हैं कि फलों को अपने आहार में शामिल करना महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तीन दिन तक सिर्फ फल खाएं तो क्या होगा? इसे फलाहारी आहार कहा जाता है। आइए देखें कि 72 घंटे के फलाहार का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

फलों में कई खनिज और विटामिन होते हैं जो बीमारी को रोकने में आपकी मदद कर सकते हैं। तीन दिनों तक केवल फल खाने से पाचन में सुधार हो सकता है। इससे सूजन और कब्ज जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं। इसके अलावा, फल शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और शरीर से गंदगी निकालने में भी मदद करते हैं।

फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इसे खाने से ही आपका शरीर संग्रहित वसा का उपयोग करना शुरू कर देगा, जिससे वजन कम होगा। इसके अलावा फल में मौजूद पोषक तत्व आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करेंगे। इन खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और हृदय रोग को दूर रखने में मदद कर सकता है। फलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा के लिए अच्छे होते हैं। कई फल, जैसे जामुन, भी कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।

हालाँकि, फल आहार के कुछ नुकसान भी हैं। अधिक फल खाने से मधुमेह हो सकता है। इसमें उच्च मात्रा में फ्रुक्टोज होता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या पैदा कर सकता है। इसके अलावा, अधिक चीनी से भी दांतों में सड़न हो सकती है। इनमें कार्बोहाइड्रेट भी कम होता है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त, उच्च फास्फोरस सामग्री के कारण आपकी किडनी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

इसलिए, आप केवल फल आहार का पालन करने के बजाय उन्हें अपने दैनिक आहार के हिस्से के रूप में शामिल कर सकते हैं। इससे आपको फायदा होगा और आपका आहार संतुलित रहेगा। 

अस्वीकरण: इस लेख में शामिल राय और सिफारिशें केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।