Sharad Purnima 2023 शरद पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा कुछ लोग इसे कोजागरी या कोजागरा पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन के लिए कई नियम बनाए गए हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। तो आइये समझते हैं इन नियमों को-
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक महत्व रखती है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन लोग भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करते हैं। इस दिन साधक व्रत रखते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इसे आश्विन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अलावा कुछ लोग इसे कोजागरी या कोजागरा पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन कई नियम हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आइये समझते हैं इन नियमों को-
शरद पूर्णिमा पर्व पर क्या न करें?
- शरद पूर्णिमा के शुभ दिन पर भूलकर भी तामसिक भोजन न करें।
- इस दिन शराब पीने से बचें।
- इस खास दिन पर अपने बाल या नाखून न काटें।
- आश्विन पूर्णिमा के दिन अपने प्रेमी या जीवनसाथी से बहस करने से बचें।
- किसी भी शुभ आयोजन से बचें, क्योंकि इस दिन चंद्र ग्रहण लगेगा।
- जुए जैसी गतिविधियों में शामिल होने से बचें।
- कभी भी अपने बड़ों का अपमान न करें भले ही वह गलत हो।
शरद पूर्णिमा क्या कर सकती है
- आज के दिन अपना संपूर्ण समर्पण और समर्पण भाव बनाए रखें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें.
- भगवान कृष्ण और माता राधा की पूजा करें क्योंकि यह दिन उन्हें भी समर्पित है।
- चंद्र ग्रहण के कारण भगवान शिव की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।
- इस दौरान मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी होता है।
- भगवान को भोग लगाना भी पुण्य माना जाता है.
- ग्रहण शुरू होने से पहले खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखी जाती है।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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