सनातन सूत्र में उल्लेख है कि दशहरे के दिन मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। इसी कारण से हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक दशहरे पर 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Dussehra 2023: सनातन पंचांग के अनुसार दशहरा हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इससे पहले आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती थी। सनातन सूत्र में उल्लेख है कि दशहरे के दिन मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। इसी कारण से हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक दशहरे पर 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। आइये जानते हैं दशहरे पर बनने वाले शुभ योग और पंचांग के बारे में——
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शुभ समय
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 05:44 बजे शुरू होगी और अगले दिन 24 अक्टूबर को शाम 03:14 बजे समाप्त होगी.
विजय मुख्तार
विजय मुहूर्त का समय दोपहर 01:58 बजे से 02:43 बजे तक है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
दशहरा पूजा की अवधि 2 घंटे 15 मिनट है। विजयादशमी के दिन पूजा करने का सही समय दोपहर 01:13 बजे से 03:18 बजे तक है।
रवि योग
दशहरे पर रवि योग बन रहा है. यह योग सुबह 06:27 बजे शुरू होकर दोपहर 03:28 बजे तक रहेगा। इसके बाद शाम 06 बजकर 38 मिनट पर शुरू हुआ यानी पूरी रात।
योग जोड़ें
ज्योतिषियों के मुताबिक दशहरे पर बेहद लाभकारी वृद्धि योग बन रहा है। इस शुभ योग के बनने का समय 25 अक्टूबर को दोपहर 3:40 बजे से दोपहर 12:14 बजे तक है.
करण
दशहरे के दिन दोपहर 03:14 बजे तक गर करण बना हुआ है। इसके बाद पूरी शाम का कारोबार हो गया. शुभ कार्यों के लिए वणिज और गर करण सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – प्रातः 06:27 बजे
सूर्यास्त – 05:43 PM
सालाना
ब्रह्म मुख्तार- 04:45 से 05:36 तक
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
गोधूलि बेला – शाम 05:43 बजे से शाम 06:09 बजे तक
निशिता मुहूर्त- रात 11:40 बजे से 12:31 बजे तक
अशुभ समय
राहुकाल- दोपहर 02:41 बजे से शाम 04:19 बजे तक
गुलिक काल- दोपहर 12:05 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक
दिशा स्कूल – उत्तर
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