अब पाकिस्तान ने क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक नया समीकरण बनाते हुए अफगान शरणार्थियों की स्वदेश वापसी की घोषणा की है। इसके पीछे एक तरफ तालिबान की बढ़ती ताकत है तो दूसरी तरफ डूरंड लाइन का मुद्दा भी है. चीन और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती ने एशिया में एक नया समीकरण भी बना दिया है. खराब आर्थिक और राजनीतिक स्थिति से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए ये मुद्दा गले की फांस बन गया है.
अनुराग मिश्रा, नई दिल्ली। क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान मैच में मैन ऑफ द मैच रहे अफगानिस्तान के खिलाड़ी इब्राहिम जादरान का बयान चर्चा में है। जादरान ने एक बार कहा था, मैं यह मैन ऑफ द मैच ट्रॉफी उन लोगों को समर्पित करना चाहता हूं जो पाकिस्तान से अफगानिस्तान लौटे हैं। पहले पाकिस्तान के शासकों ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आगमन की सराहना की और अब पाकिस्तान ने क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक नया समीकरण बनाते हुए अफगान शरणार्थियों की स्वदेश वापसी की घोषणा की है। इसके पीछे एक तरफ तालिबान की बढ़ती ताकत है तो दूसरी तरफ डूरंड लाइन का मुद्दा भी है. चीन और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती ने एशिया में एक नया समीकरण भी बना दिया है. वर्तमान में, यह मुद्दा पाकिस्तान के लिए एक कांटा बनता दिख रहा है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था और राजनीति ख़राब हो गई है। माना जा रहा है कि पहले से ही संकटग्रस्त पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर और भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। शरणार्थियों की वापसी से पाकिस्तान के कार्यबल में कमी आएगी, जिससे आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है।