भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने के लिए देश भर में सद्भावना यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रही है। तीर्थयात्रा का उद्देश्य भारत के 543 मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों से जुड़ना है। यह तीर्थयात्रा देशभर के 65 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी और दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू होकर फरवरी में समाप्त होगी।
आनी, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने के लिए भाजपा देशव्यापी ‘सद्भावना यात्रा’ शुरू करने की तैयारी कर रही है। तीर्थयात्रा का उद्देश्य भारत के 543 मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों से जुड़ना है।
भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि सद्भावना तीर्थयात्रा का उद्देश्य मुस्लिम, सिख, जैन और पारसी समुदायों को क्षेत्र में मोदी सरकार के प्रयासों और केंद्र के कल्याण कार्यक्रमों के बारे में शिक्षित करना है।
65 जातीय अल्पसंख्यक क्षेत्रों पर ध्यान दें
भाजपा की सद्भावना यात्रा देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी, लेकिन 65 अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस उद्देश्य से मोर्चा ने पूरे देश को छह समूहों में विभाजित किया और इस उद्देश्य के लिए समन्वयकों और सह-समन्वयकों की एक पूरी टीम बनाई।
अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी में वृद्धि
जमाल सिद्दीकी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय देश के विकास में भागीदार बने हैं और कश्मीर में धारा 370 और धारा 35ए की समाप्ति, तीन तलाक आदि प्रथाओं की समाप्ति से लाभान्वित हुए हैं और महिला सशक्तिकरण जैसी पहल पहले ही हो चुकी हैं।
इस तीर्थयात्रा के माध्यम से, अल्पसंख्यक पार्टी मोर्चा का लक्ष्य मुस्लिम समुदाय और भाजपा के बीच की खाई को पाटना और 2024 के लोकसभा चुनावों में मुस्लिम समुदाय की अधिक भागीदारी की दिशा में काम करना है।
यात्रा दिसंबर से फरवरी तक चलेगी
मोर्चा के मीडिया समन्वयक यासिर जिलानी ने कहा कि तीर्थयात्रा, जो देश भर के 65 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू होगी और फरवरी में समाप्त होगी। इस तीर्थयात्रा की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिए मोर्चा ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समितियों की स्थापना की है।