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कुल्लू दशहरा में आधी रात को लगी आग, 18 तंबू जलकर राख… देवी-देवताओं की संपत्ति भी जली, हादसे में दो अन्य भी जले

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान शुक्रवार देर रात करीब दो बजे ढालपुर आयोजन स्थल पर करीब 18 टेंटों में आग (Fire in कुल्लू दशहरा) लग गई। आग बुझाने के दौरान दो लोग झुलस गए। 13 देवी-देवताओं के अलावा, कुछ रसोइयों और दुकानदारों के तंबू पूरी तरह जल गए।

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की शुरुआत देवताओं द्वारा भगवान रघुनाथ के मंदिर में शीश चढ़ाने से होती है।

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव कुल्लू में शुरू हुआ। भगवान रघुनाथ जी के मंदिर में कई देवी-देवता पूजा करते हैं। भगवान रघुनाथ जी के स्थाई शिविर में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का सिलसिला सुबह से ही जारी है। इसके बाद भगवान रघुनाथ जी को रथ में विराजमान किया जाएगा और रथ यात्रा निकाली जाएगी.

इस उत्सव में भाग लेने के लिए देवी-देवता स्वर्ग से आते हैं, Kullu Dussehra कैसे विश्वव्यापी बन गया, जानिए कुछ रहस्यमयी बातें

Kullu Dussehra अंतर्राष्ट्रीय Kullu Dussehra के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। जबकि देश के अन्य हिस्सों में दशहरा समाप्त हो जाता है, कुल्लू में इसका सप्ताह भर चलने वाला उत्सव शुरू हो जाता है। यहां के लोगों का कहना है कि इस भव्य उत्सव में देवी-देवता हिस्सा लेते हैं। आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे छिपे रहस्य।